बांवरी फिरूँ मैं चारों दिशा, मुझे क्या खबर, कब आई सुबह, कब हुई निशा?
Oh Braj! You are just fantastic with poetry! Shukriya! :)
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2 comments:
बांवरी फिरूँ मैं चारों दिशा,
मुझे क्या खबर,
कब आई सुबह,
कब हुई निशा?
Oh Braj! You are just fantastic with poetry! Shukriya! :)
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